नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ( Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) कोरोना की चपेट में आ गए हैं. फिलहाल उनकी हालत ठीक है. दास ने कहा है कि वो घर में आइसोलेट रहकर के ऑफिस का काम-काज निपटाएंगे. दास का कहना है कि जो लोग पिछले कुछ दिनों में उनके संपर्क में आए हैं वो लोग भी अपना कोरोना टेस्ट करा लें ताकि वक्त पर उनका इलाज किया जा सके.
I have tested COVID-19 positive. Asymptomatic.Feeling very much alright.Have alerted those who came in contact in recent days.Will continue to work from isolation. Work in RBI will go on normally. I am in touch with all Dy. Govs and other officers through VC and telephone.
— Shaktikanta Das (@DasShaktikanta) October 25, 2020
हाल में कोरोना को लेकर कही थी ये बात
हाल ही संपन्न हुई रिजर्व बैंक की आर्थिक समीक्षा समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक में दास ने कहा था कि अगर कोरोना की सेकंड वेव आती है तो फिर इससे अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के जारी ब्योरे के अनुसार दास ने यह भी कहा कि नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश है, लेकिन इस दिशा में आगे कदम मुद्रास्फीति के मोर्चे पर उभरती स्थिति पर निर्भर करेगा जो फिलहाल केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है.
उन्होंने कहा, ‘मेरा यह मानना है कि अगर मुद्रास्फीति हमारी उम्मीदों के अनुरूप रहती हैं, तो भविष्य में नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश होगी. इस गुंजाइश का उपयोग आर्थिक वृद्धि में सुधार को संबल देने के लिये सोच-समझकर करने की जरूरत है.’ रिजर्व बैंक के अनुसार सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम पड़ेगी. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें और कमी आने का अनुमान है.
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मुद्रास्फीति जून 2020 से 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.
वृद्धि के बारे में दास ने कहा, ‘हालांकि, कुछ अनिश्चितताएं भी हैं, जो शुरूआती पुनरूद्धार के पहिए को रोक सकती हैं. उसमें मुख्य रूप से कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी की आशंका है. घरेलू वित्तीय स्थिति में सुधार के बावजूद निजी निवेश गतिविधियां नरम रह सकती हैं. हालांकि, घरेलू वित्तीय स्थिति बेहतर हुई है.’
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